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मशाल दुश्मन सुबह रात शाम आदिवासी क़दमों हिंदी कविता सुरक्षा कर्तव्य ज़मीन समझ सुकून मिलता हैं रक्षक कविता हम और वो वहीं शाम वहीं सुबह अच्छी कविता सब कुछ वो और मैं आसमान

Hindi वहीं ज़मीन Poems